Dr Bhimrao Ambedkar Quotes In Hindi– डॉ भीमराव अम्बेडकर एक प्रसिद्ध भारतीय समाज सुधारक, राजनीतिज्ञ, न्यायविद और अर्थशास्त्री थे। 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के महू में जन्मे डॉ अंबेडकर ने अपना पूरा जीवन भारत में सामाजिक असमानता और भेदभाव के खिलाफ लड़ते हुए समर्पित कर दिया। उन्होंने भारतीय संविधान का ड्राफ्टिंग तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की आधारशिला बन गया। यह लेख डॉ भीमराव अम्बेडकर के दिए गए कुछ महत्वपूर्ण Bhimrao Ambedkar Quotes In Hindiको ले कर आया है.
Dr Bhimrao Ambedkar Quotes In Hindi Images
मैं एक समुदाय की प्रगति को महिलाओ की प्रगति से मापता हूं।
मैं एक समुदाय की प्रगति को महिलाओं की प्रगति से मापता हूं। महिलाओं के समाज में सक्रिय भागीदारी, उनके शिक्षा के स्तर का उन्नति से, उनके स्वास्थ्य सेवाओं तक की पहुंच तक, समुदाय की विकास में एक महत्वपूर्ण मापदंड है। महिलाओं के समाज में समानता और अधिकारों का प्रतिष्ठान, समुदाय की सामूहिक समृद्धि के लिए आवश्यक है। उनके नेतृत्व और उनके संबलता से ही समाज में वास्तविक प्रगति संभव होती है। इसलिए, मेरा मकसद है कि महिलाओं को सशक्त बनाकर, समुदाय की सामृद्धि में योगदान करने के लिए उनकी प्रगति को प्रोत्साहित किया जाए
हमारे देश के संविधान में मतदान का अधिकार एक ऐसी ताकत है, जो किसी ब्रह्मास्त्र से कहीं अधिक ताकत रखता है।
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इस पूरी दुनिया में गरीब वही है, जो शिक्षित नहीं है। इसलिए आधी रोटी खा लेना, लेकिन अपने बच्चों को जरूर पढ़ाना।
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ज्ञान हर व्यक्ति के जीवन का आधार हैं।
“हमारे देश के संविधान में मतदान का अधिकार एक ऐसी ताकत है, जो किसी ब्रह्मास्त्र से कहीं अधिक ताकत रखता है। यह एक महत्वपूर्ण व्यवस्था है जो हमें लोकतांत्रिक दृष्टिकोण से संगठित करती है और हमारे राष्ट्र को एक महत्वपूर्ण और सशक्त सामाजिक संगठन बनाती है। मतदान का अधिकार हर नागरिक को समान रूप से प्राप्त होता है और इससे उन्हें समाज में सक्रिय भागीदारी का मौका प्राप्त होता है। यह एक ताकतवर संदेश है जो हमें यह याद दिलाता है कि हमारी सरकार हमारी सेवा में है और हमारी आवाज को महत्व देती है।
एक महान व्यक्ति एक प्रख्यात व्यक्ति से एक ही बिंदु पर भिन्न है कि महान व्यक्ति समाज का सेवक बनने के लिए तत्पर रहता है।
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मंदिर जाने वाले लोगों की लंबी कतारें, जिस दिन पुस्तकालय की ओर बढ़ेंगी। उस दिन मेरे इस देश को महाशक्ति बनने से कोई रोक नही सकता है।
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अगर आप मन से स्वतंत्र हैं, तो वास्तव में आप स्वतंत्र हैं।
मंदिर जाने वाले लोगों की लंबी कतारें, जिस दिन पुस्तकालय की ओर बढ़ेंगी। उस दिन मेरे इस देश को महाशक्ति बनने से कोई रोक नहीं सकता है। शिक्षा का महत्व वे समझते हैं क्योंकि शिक्षा ही एक समाज को आगे बढ़ाने का एकमात्र माध्यम है।
अगर आप मन से स्वतंत्र हैं, तो वास्तव में आप स्वतंत्र हैं। स्वतंत्रता न केवल बाहरी बंधनों से, बल्कि मन के अंदरीय बंधनों से भी होती है। महान व्यक्तित्व उन्हीं को मिलता है जो अपने मन के प्रति पूर्ण स्वाधीनता का अनुभव करते हैं और सामाजिक उत्थान के लिए समर्पित रहते हैं।
कुछ लोग सोचते हैं कि धर्म समाज के लिए आवश्यक नहीं है। मैं यह दृष्टिकोण नहीं रखता। मैं धर्म की नींव को समाज के जीवन और प्रथाओं के लिए आवश्यक मानता हूं।
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जिसे अपने दुखों से मुक्ति चाहिए, उसे लड़ना होगा। और जिससे लड़ना है उसे उससे पहले अच्छे से पढ़ना होगा। क्योंकि ज्ञान के बिना लड़ने गए तो आपकी हार निश्चित है
बाबा साहेब अंबेडकर के विचार
निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है
जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल ना लगाया गया हो।
“निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है, जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल ना लगाया गया हो। इस प्रकार, समाज में न्याय और समानता की भावना को सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। न्यायपूर्ण और समान व्यवस्था के लिए, कानून के आधार पर, हर व्यक्ति को अपने स्वार्थों को अपने सामाजिक जिम्मेदारियों के साथ संतुष्ट करने का अधिकार है। यह समाज में सामंजस्य और सामंजस्य को बढ़ावा देता है, जिससे विभिन्न वर्गों और समुदायों के लोग एक साथ विकसित हो सकें।
एक विचार को भी प्रसार की आवश्यकता होती है जितनी की पौधे को पानी की आवश्यकता होती है। नहीं तो दोनों मुरझा जाएंगे और मर जाएंगे।
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मैं बहुत मुश्किल से इस कारवां को इस स्थिति तक लाया हूं। यदि मेरे लोग, मेरे सेनापति इस कारवां को आगे नहीं ले जा सकें, तो पीछे भी मत जाने देना।
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मुझे वह धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है।
एक विचार को भी प्रसार की आवश्यकता होती है जितनी की पौधे को पानी की आवश्यकता होती है। नहीं तो दोनों मुरझा जाएंगे और मर जाएंगे। विचारों की प्रसार के बिना समाज में नई विचारधारा नहीं उत्पन्न होती और सोच में संकोच आता है। प्रत्येक व्यक्ति के विचारों को समय-समय पर साझा करना जरूरी है ताकि समाज में सही दिशा में गति हो सके।
मैं बहुत मुश्किल से इस कारवां को इस स्थिति तक लाया हूं। यदि मेरे लोग, मेरे सेनापति इस कारवां को आगे नहीं ले जा सकें, तो पीछे भी मत जाने देना। मुझे वह धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है।
एक विचार को प्रसार की उतनी ही आवश्यकता होती है जितना कि एक पौधे को पानी की आवश्यकता होती है। नहीं तो दोनों मुरझाएंगे और मर जायेंगे।
राष्ट्रवाद तभी औचित्य ग्रहण कर सकता है.., जब लोगों के बीच जाति, नस्ल या रंग का अन्तर भुलाकर उनमें सामाजिक भ्रातृत्व को सर्वोच्च स्थान दिया जाये।
यदि हमें अपने पैरों पर खड़े होना है, अपने अधिकार के लिए लड़ना है.., तो अपनी ताकत और बल को पहचानो। क्योंकि शक्ति और प्रतिष्ठा संघर्ष से ही मिलती है।
डॉ भीमराव अंबेडकर एक अग्रणी समाज सुधारक थे, जिनके जीवन और कार्यों का भारतीय समाज पर गहरा प्रभाव पड़ा है। उन्होंने सामाजिक असमानता और भेदभाव के खिलाफ अथक संघर्ष किया और वंचित समुदायों के अधिकारों के के लिए बढ़-चढ़ के काम किया।
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