मनुष्य की इच्छाए अनन्त है यदि इच्छाए पूरी नहीं होती तो क्रोध बढ़ता है, और इच्छा पूरी होती है तो लोभ बढ़ता है। इसलिये जीवन की हर स्थिति में धैर्य बनाये रखे तथा इच्छाए सिमित रखे।
अगर तुम (मनुष्य )अपना कल्याण चाहते हो, तो सभी उपदेशों, सभी धर्मों को छोड़ कर मेरी शरण में आ जाओ, मैं (कृष्ण) तुम्हें मुक्ति प्रदान करुंगा।
कर्मयोगी अपने मन और बुद्धि की शुद्धि के लिए ही अपने शरीर, मन, बुद्धि और इन्द्रियों के साथ आसक्ति रहित होकर कर्म करते हैं।
हे अर्जुन !, मैं सर्वग्य हूँ, मैं इस सृष्टी का रचनाकार हूँ, मैं भूत, वर्तमान और भविष्य के सभी प्राणियों को तथा उनके विचारों को जानता हूँ, किन्तु वास्तविकता में कोई मुझे कोई नहीं जानता हैं ना ही समझता है।
लोग कहते हैं अपनों के आगे झुक जाना चाहिए, किंतु सच बात तो यह है जो अपने होते हैं वह कभी झुकने नहीं देते।
lord krishna quotes in hindi
परिवर्तन ही इस संसार का नियम है।
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यह प्रकृति है जो सभी गतियों का कारण बनती है। अहंकार से मोहित, मूर्ख उस धारणा को धारण करता है जो कहती है “मैंने किया”
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गर्मी और ठंड, सुख और दर्द की भावना इंद्रियों के अपनी वस्तुओं के संपर्क के कारण होती है। वे आते हैं और चले जाते हैं, चिरकाल तक। आपको उन्हें स्वीकार करना चाहिए।
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पूर्ण लगन के साथ अपना कार्य करो, लेकिन उसके फल की इच्छा मत करो। क्योंकि जब आप फल की इच्छा करते हैं तब कही न कभीं आप अपने कार्य में पूर्ण रूप से समर्पित नहीं हो पाते।
(quotes of krishna in hindi)
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गति के लिए चरणों पर ध्यान देना आवश्यक है,
किंतु प्रगति के लिए सदैव आचरण पर ही ध्यान देना चाहिए !
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प्रकृति द्वारा निर्धारित कर्तव्य का पालन करते हुए व्यक्ति ने कोई पाप नहीं किया।
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जिसका मन उसके वश में नहीं है, उसके लिए उसका मन शत्रु के समान है।
Quotes by Lord Krishna in Hindi
वो मूर्ख हैं जो प्रेम को बकवास कहते हैं, प्रेम इस दुनिया की जड़ है, जिससे दुनिया बनी है..!
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अपनी इच्छा की शक्ति से अपने आप को नया आकार दें; अपने आप को कभी भी स्व-इच्छा से नीचा न होने दें।
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बुद्धिमान अपनी चेतना को एकीकृत करते हैं और कर्म के फल के प्रति आसक्ति को त्याग देते हैं।
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मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है, जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है !
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मन चंचल होता है, यह इधर उधर भागता है और किसी भी कार्य की एकाग्रता का दुश्मन है। लेकिन यदि यह व्यक्ति के वश में हो जाये तो इससे अच्छा कोई मित्र नहीं है। मन को एकाग्र करना जरूरी है बस थोड़े से प्रयास और अभ्यास की जरूरत है।
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“मेरे लिए न कोई घृणित है और न ही कोई प्रिये, न कोई निर्धन है और न ही कोई धनी, बस जो भक्ति भाव के साथ मुझे याद करते हैं मैं उनका हूँ और वो मेरे।”– कृष्ण कोट्स
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श्री कृष्ण उन्हीं के हैं जो श्री कृष्ण के हैं।भगवान तो बस प्रेम, भक्ति के भूखें हैं। जो भी उनकी भक्ति में लीं होता है, जो भी प्रेम से उन्हें याद करता है वो सदैव उसका कल्याण करते हैं।
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“मैं हमेशा तुम्हारे साथ और तुम्हारे आसपास रहता है चाहे तुम कुछ भी कर रहे हों।”
Lord Krishna Quotes in Hindi on Life
जब भी आप कोई बुरा कार्य करते हो या अच्छा कार्य करते हों, आपको लगता है की कोई देख नहीं रहा तो यहाँ श्री श्री कृष्ण कहते हैं की तुम जो कुछ भी कर रहे हो मेरी दृस्टि सदैव तुम पर है। इसलिए आप यह मत समझे की आप अकेले हैं आप के साथ श्री कृष्ण सदैव हैं।
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जीवन में आधे दु:ख इस वजह से आते है, क्यूंकि हमने उनसे आशाऐं रखी जिन से हमें नहीं रखनी चाहिए थी।
भावार्थ- हम सभी मनुष्य किसी न किसी अन्य मनुष्य से बंधे होते है या कहो किसी दूसरे इंसान पर निर्भर रहते है और इसी निर्भरता से हमारे मन में उम्मीद और आशाएँ बानी रहती है की हमारा कोई मदद कर देगए।
परन्तु कई बार हम गलत इंसान से आशाए या फिर उपेक्षा कर लेते है जिसके वजह से हमें कई दुःख और तकलीफो का सामना करना पड़ता है, हमें ऐसे समय में धैर्य से काम लेना चाहिए।
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जीवन में समय चाहे जैसा भी हो, परिवार के साथ रहो। सुख हो तो बढ़ जाता है, और दुःख हो तो बट जाता है।
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इस संसार में मूर्ख व्यक्ति, अधर्मी, अज्ञानी व नास्तिक प्रकृति का व्यक्ति, मेरी शरण स्वीकार नहीं कर सकता।
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ज्ञानी व्यक्ति को कर्म के प्रतिफल की अपेक्षा कर रहे अज्ञानी व्यक्ति के दिमाग को अस्थिर नहीं करना चाहिए।
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अपने जीवन में कभी भी ना किसी को आनंद में वचन दे, ना क्रोध में उत्तर दे और ना ही दुख में कभी निर्णय ले।
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किसी और का काम पूर्णता से करने से कहीं अच्छा है कि अपना काम करें, भले ही उसे अपूर्णता से करना पड़े। (Shri Krishna Quotes in Hindi)
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मैं हीं इस सृष्टि की रचना करता हूँ, मैं हीं इसका पालन-पोषण करता हूँ और मैं हीं इस सृष्टि का विनाश करता हूँ।
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“जो कुछ हुआ, अच्छे के लिए हुआ। जो हो रहा है अच्छे के लिए हो रहा है। जो होगा वह भी अच्छे के लिए ही होगा।”
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जो कुछ हुआ, अच्छे के लिए हुआ। जो हो रहा है अच्छे के लिए हो रहा है। जो होगा वह भी अच्छे के लिए ही होगा। “तो, सकारात्मक रहो और अपना कर्म करो।