2 line shayari on dooriyan दूरियों पर बेहतरीन शायरी love dooriyan shayari, dooriyan shayari in hindi.
Dooriyan shayari 2 line
अगर आप अपने प्यार के बिच दूरियां महसूस कर रहे है तो एक इन 2 line shayari on dooriyan को पढ़िये और अपने प्यार को भेजिए. यह shayari आपके बीच की साड़ी दूरियो को मिटा देगा.
लगाव और घाव जब एक ही शख्स से मिले,
तो दूरियां बेहतर है…

Love Dooriyan shayari
उसको छोड़ पाऊँगा मैने सोचा नही था।
उसके बढ़ते कदम को कभी रोका नही था।
जमाने ने मुझे बेवफ़ा कहकर उससे दूर कर दिया।
ऐ राज बिना उसके जीना पड़ेगा जिसे हमने कभी दिया धोखा नही था।।
—-
रिश्तों में दूरियां कभी इतनी मत बढ़ा लेना,
के दरवाज़ा खुला हो फिर भी खटखटाना पड़े।
—
एक सिलसिले की उम्मीद थी जिनसे,,
वही फ़ासले बनाते गये!!
हम तो पास आने की कोशिश में थे,,
ना जाने क्यूँ वो हमसे दूरियाँ बढ़ाते गये!!
—-
दूरिया बहुत है तुझमे और मुझमे पर
ये बात भी है के तेरे जितना कोई मेरे करीब नहीं है

Dooriyan shayari in hindi
कौन कहता है हम उसके बिना मर जायेंगे,
हम तो दरिया है समंदर में उतर जायेंगे,
वो तरस जायेंगे प्यार की एक बूँद के लिए,
हम तो बादल है कहीं और बरस जायेंगे
—–
❤️❤️❤️❤️वो बिछड़ के हमसे ये दूरियां कर गई,
न जाने क्यों ये मोहब्बत अधूरी कर गई,
अब हमे तन्हाइयां चुभती है तो क्या हुआ,
कम से कम उसकी सारी तमन्नाएं तो पूरी हो गई…!!❤️❤️❤️❤
—–
लाख रहे दूरियां तो क्या हुआ
याद नजरों से नहीं
❤️दिल से किया जाता है

2 line shayari on dooriyan
❤️मोहब्बत का सलीका सिखा गए हो तुम
खुद से भी सारी दूरियां मिटा गए हो तुम
गुलाब की महक भी फीकी सी लगती है
ये कौन सी खुश्बू मुझमें बसा गए हो तुम
जिन्दगी कुछ नहीं है तेरी चाहत के सिवा
कैसा ख़्वाब आँखों को दिखा गए हो तुम
हर पल बस दिल के ही पास रहते हो अब
खुद को मुझमें इस कदर बसा गए हो तुम
——
एक सिल-सिले की उम्मीद थी जिनसे
वही फ़ासले बनाते गये
हम तो पास आने की कोशिश में थे
ना जाने क्यूँ वो हमसे दूरियाँ बढ़ाते गये
——
कितना मैं लिखूं तुझे और कितना तू
‘इस दिल’ को पढ़ेगा,
जितना जाएगा तू दूर मुझसे, मुझसे तेरा
ईश्क़ और बढ़ेगा !

दूरियों पर बेहतरीन शायरी || 2 line shayari on dooriyan
उन लोगों से दूरियां ही ठीक है
जिन्होंने नजदीकियों की कद्र नहीं की
—–
दूरियों का ग़म नहीं अगर
फ़ासले दिल में न हो
नज़दीकियां बेकार है अगर
जगह दिल में ना हो
—–
मुझसे दूरियाँ तो बनाकर देखो
तब तुम्हें एहसास होगा की
कि तुम्हारे कितने क़रीब हूँ मैं

वजह में दूरियां ही सही हम दिल से बोहोत क़रीब हैं
वरना जहां में नज़दीक होने पर भी रिश्ते बोहोत गरीब हैं
—–
इश्क तो राधा ने किया था
जिसको कृष्ण की दूरियां भी मंजूर
थी और रुक्मणी भी कबूल थी…❤️